
निम्नलिखित पाठ को पढ़ें या सुनें
2:4यही वर्णन है कि जिस प्रकार याहवेह परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी को बनाया.
5उस समय तक पृथ्वी में कोई हरियाली और कोई पौधा नहीं उगा था, क्योंकि तब तक याहवेह परमेश्वर ने पृथ्वी पर बारिश नहीं भेजी थी. और न खेती करने के लिए कोई मनुष्य था. 6भूमि से कोहरा उठता था जिससे सारी भूमि सींच जाती थी. 7फिर याहवेह परमेश्वर ने मिट्टी से मनुष्य को बनाया तथा उसके नाक में जीवन की सांस फूंक दिया. इस प्रकार मनुष्य जीवित प्राणी हो गया.
8याहवेह परमेश्वर ने पूर्व दिशा में एदेन नामक स्थान में एक बगीचा बनाया और उस बगीचे में मनुष्य को रखा. 9याहवेह परमेश्वर ने सुंदर पेड़ और जिनके फल खाने में अच्छे हैं, उगाए और बगीचे के बीच में जीवन का पेड़ और भले या बुरे के ज्ञान के पेड़ भी लगाया.
10एदेन से एक नदी बहती थी जो बगीचे को सींचा करती थी और वहां से नदी चार भागों में बंट गई. 11पहली नदी का नाम पीशोन; जो बहती हुई हाविलाह देश में मिल गई, जहां सोना मिलता है. 12(उस देश में अच्छा सोना है. मोती एवं सुलेमानी पत्थर भी वहां पाए जाते हैं.) 13दूसरी नदी का नाम गीहोन है. यह नदी कूश देश में जाकर मिलती है. 14तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है; यह अश्शूर के पूर्व में बहती है. चौथी नदी का नाम फरात है.
15याहवेह परमेश्वर ने आदम को एदेन बगीचे में इस उद्देश्य से रखा कि वह उसमें खेती करे और उसकी रक्षा करे. 16याहवेह परमेश्वर ने मनुष्य से यह कहा, “तुम बगीचे के किसी भी पेड़ के फल खा सकते हो; 17लेकिन भले या बुरे के ज्ञान का जो पेड़ है उसका फल तुम कभी न खाना, क्योंकि जिस दिन तुम इसमें से खाओगे, निश्चय तुम मर जाओगे.”
18इसके बाद याहवेह परमेश्वर ने कहा, “आदम का अकेला रहना अच्छा नहीं है. मैं उसके लिए एक सुयोग्य साथी बनाऊंगा.”
19याहवेह परमेश्वर ने पृथ्वी में पशुओं तथा पक्षियों को बनाया और उन सभी को मनुष्य के पास ले आए, ताकि वह उनका नाम रखे; आदम ने जो भी नाम रखा, वही उस प्राणी का नाम हो गया. 20आदम ने सब जंतुओं का नाम रख दिया.
किंतु आदम के लिए कोई साथी नहीं था, जो उसके साथ रह सके. 21इसलिये याहवेह परमेश्वर ने आदम को गहरी नींद में डाला; जब वह सो गया, याहवेह परमेश्वर ने उसकी एक पसली निकाली और उस जगह को मांस से भर दिया. 22फिर याहवेह परमेश्वर ने उस पसली से एक स्त्री बना दी और उसे आदम के पास ले गए.
23आदम ने कहा,
“अब यह मेरी हड्डियों में की हड्डी24इस कारण पुरुष अपने माता-पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिला रहेगा तथा वे दोनों एक देह होंगे.
कुछ समय लेकर खुद के शब्दों के कहानी फिर से सुनाएं। बुलंद आवाज़ में बोलें, या लिखें। यदि कहानी याद रखने में आपको कठिनाई हो तो कहानी पुनः पढ़ें या सुनें।
जब आपको लगे कि आप कहानी अच्छे से समझ चुके हैं, तो कुछ समय इसपर मनन चिंतन करें या निम्न प्रश्नों पर चर्चा करें।
Get Discovery Bible Studies on your phone
Discover copyright ©2015-2025 discoverapp.org
Biblica® हिंदी समकालीन संस्करण-स्वतंत्र उपलब्धि™ - सर्वाधिकार © 1978, 2009, 2016, 2019 Biblica, Inc. Biblica® Open Hindi Contemporary Version - Copyright © 1978, 2009, 2016, 2019 by Biblica, Inc.